मंकीपॉक्स वायरस से होने वाला एक संक्रमण है मंकीपॉक्स के मरीज यूरोप के कुछ देशों में मिल रहे हैं ऐसी पहली बार है जब मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीकी देशों के बाहर इतनी बड़ी संख्या में मंकीपॉक्स के मरीज मिले हैं और यह बीमारी धीरे-धीरे बड़े स्तर पर पहुंच रही है।
वायरस के बीच मंकीपॉक्स को WHO ने महामारी घोषित की।

कोविड से परेशान दुनिया में एक और दुर्लभ संक्रमण सुनने से वैज्ञानिक चिंतित हैं जिसका नाम मंकीपॉक्स है। हालांकि भारत में अभी इसके ज्यादा केस नहीं है लेकिन यह एक ऐसी बीमारी है जिस पर सोचा जा सकता है।
इसके ज्यादा केस विश्व के प्रमुख देशों जैसे ब्रिटेन ,पुर्तगाल और इटली में इसके मरीज देखे गए हैं।

What is monkeypox? ( मंकीपॉक्स क्या है? )
मंकीपॉक्स मानव के चेचक जैसे होने वाली एक दुर्बल वायरस संक्रमण है यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में पाया गया था।
मंकीपॉक्स के लक्षण-
- बुखार का होना।
- चेचक के सामान धब्बे शरीर पर बनना।
- दाने और गांठ जैसा होना।
WHO ने क्या कहा मंकीपॉक्स के बारे में जेड
वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क ने की घोषणा, डब्ल्यूएचओ भी जल्द ले सकता है फैसला; अब तक 58 देशों में 3417 मरीज मिले।
कोविड के बढ़ते मामलों के बीच दुनिया भर में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता जा रहा है। वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क ने इस बीमारी को महामारी यानी Pandemic घोषित कर दिया है डाटा के मुताबिक “अब तक 58 देशों के 3417 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है” जिसका पहला मामला ब्रिटेन में 6 मई को आया था।
WHN एक ऐसा नेटवर्क है, जिससे कई देशों के सैकड़ों वैज्ञानिक जुड़कर इस पर काम कर रहे है।